वक्फ एक्ट विरोध पश्चिम बंगाल: 3 की मौत, 150 गिरफ्तार
वक्फ एक्ट विरोध पश्चिम बंगाल के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों ने भयावह रूप ले लिया है। विशेष रूप से मुस्लिम-बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सूती, शमशेरगंज और जंगीपुर क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़ गए हैं। इस वक्फ एक्ट विरोध ने अब तक तीन लोगों की जान ले ली, जबकि 150 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
राज्य में फैली हिंसा के मद्देनज़र बीएसएफ की पांच कंपनियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश जारी किए हैं, यह कहते हुए कि संवैधानिक न्यायालय हिंसा पर आंखें नहीं मूंद सकते।

वक्फ एक्ट के विरोध में कैसे भड़की हिंसा
8 अप्रैल 2025 को लागू हुए वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुर्शिदाबाद में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे, लेकिन जल्द ही ये प्रदर्शन हिंसक हो गए।
- शमशेरगंज के जाफराबाद में एक घर से पिता-पुत्र के शव मिले, जिन पर चाकुओं के कई निशान थे।
- धुलियान में एक व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- पथराव, आगजनी, और वाहनों को आग के हवाले करने जैसी घटनाएं सामने आईं।
- कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
राज्य प्रशासन ने कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रुख
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस कानून को लागू नहीं करेगी। उन्होंने कहा:
“यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है। हम इसका समर्थन नहीं करते और न ही इसे राज्य में लागू करेंगे। तो फिर यह दंगा क्यों हो रहा है?”
बनर्जी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं और दंगे भड़का रहे हैं।
भाजपा का तीखा हमला: ममता बनर्जी की नीतियों पर सवाल
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्य में कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा:
- ममता सरकार की “वोट बैंक पॉलिटिक्स” के कारण राज्य में जिहादी तत्व हावी हो गए हैं।
- पुलिस मूकदर्शक बनी रही और हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया।
- उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह शासन जारी रहा, तो राज्य में 1946 जैसी सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है।
क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम 2025?
वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को संसद ने पास किया और यह 8 अप्रैल को लागू हुआ। इस कानून में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
कई समुदायों का आरोप है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है और संपत्ति अधिकारों का उल्लंघन करता है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पहले ही इस कानून को राज्य में लागू न करने का प्रस्ताव पारित किया था।
स्थिति का विश्लेषण
- यह विरोध सिर्फ एक कानून का विरोध नहीं है, बल्कि यह राजनीति, प्रशासनिक विफलता और सामुदायिक तनाव की परतें उजागर करता है।
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सामंजस्य की कमी हिंसा को और बढ़ावा दे रही है।
निष्कर्ष: अब आगे क्या?
वक्फ एक्ट विरोध पश्चिम बंगाल में जिस रूप में उभरा है, उसने राज्य में कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है।
अब यह जरूरी है कि:
- केंद्र और राज्य सरकारें आपसी संवाद से समस्या का समाधान निकालें।
- कानून का पालन करते हुए जनता को विश्वास में लिया जाए।
- हिंसा को किसी भी हाल में राजनीतिक उपकरण न बनने दिया जाए।
- वक्फ बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट